लोहार समाज के आरक्षण की मांग को लेकर लोहार विकास मंच ने जनजातीय मंत्रालय, भारत सरकार के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व मंच के अध्यक्ष राज किशोर शर्मा ने किया, जिसमें देशभर से लोहार समाज के हजारों लोगों ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने जनजातीय मंत्रालय से "लोहारा" शब्द को हटाकर, केवल "लोहार" लिखने की मांग की। उनका कहना था कि गलत शब्दावली के कारण लोहार समाज को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। इस मुद्दे पर मंच के अध्यक्ष राज किशोर शर्मा ने सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो संघर्ष और तेज होगा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोहार जाति वर्ष 1950 से हीं अनुसूचित जाति से संबद्ध है, पर गजट और अधिसूचना में जाति के नाम की स्पेलिंग में अशुद्धि होने के कारण लंबे समय से इस जाति के युवाओं को केंद्र सरकार की नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि बिहार सरकार में लोहार जाति के नाम से अनुसूचित जाति के तहत प्रमाण पत्र भी दिया जा रहा है। मगर गजट और अधिसूचना में इस नाम का अब तक शुद्ध उल्लेख नहीं होने के कारण केंद्र सरकार की नौकरी में परेशानी हो रही है। श्री शर्मा ने बताया कि इस बाबत मंच के प्रतिनिधि जन जाति मंत्री तथा कानून मंत्री से कई बार मिलकर गुहार लगा चुके हैं।
राज किशोर शर्मा ने कहा कि वर्षों से सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही है, लेकिन अब यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन और व्यापक होगा।
प्रदर्शन के बाद लोहार विकास मंच ने प्रधानमंत्री, जनजातीय मंत्रालय और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और लोहार समाज को आरक्षण का हक मिलेगा या नहीं।